Speak Asia Supreme Court News 14 November 2011
जीतेन्द्र मोहन शर्मा, वकील ने कहा : सुप्रीम कोर्ट मे एक जन हित याचिका दायर हुए है इस जन हित याचिका मे जिनका भी पैसा नहीं आया वो लोग पैसा ले सकते है यह पैसा जो स्पेअक एशिया के पास या किसी भी गवर्नमेंट अगेंच्य के पास है उसे लेने के लिए कोर्ट मे याचिका दे सकते उसके लिए एक समिति सेवानिवृत जस्टिस र.क. लाहोटी के हे अध्याश्ता मे बनायीं इस जनहित याचिका मे कुछ लोगो की तरफ से हमने भी याचिका दायर की है जिसमे हमने ये कहा है की जो लोग स्पेअक एशिया मे आखिरी जोइनेर्स है हमने ये कहा है की हमारे लोगो का हक उनसे उपर है/ क्योकि इन मेम्बेर्स को एक भी पैसा कंपनी से वापस नहीं मिला/ सुप्रीम कोर्ट ने इसके लिए रेसेर्वे बैंक ऑफ़ इंडिया और इकोनोमिक ओफ्फेंसस विंग मुंबई इसके लिए आदेश दिया है ये सारा क्लेम उन लोगो का है जिन्होंने इसको सुप्रीम कोर्ट से क्लेम किया है., अगर कोई भी पनेल्लिस्ट जिसने स्पेअक एशिया में जिसने पैसा लगाया था, और वोह इस पैसे को वापस लेना चाहता है, वोह या तौ सुप्रीम कोर्ट में खुद सामने आकर पार्टी बनें और साबित करें की मैंने अपना पैसा स्पेअक एशिया में लगाया है और इसको साबित करने के लिए वोह कंपनी के द्वारा जारी किया हुआ अच्क्नोव्लेद्गेमेंट इ-मेल कोर्ट में पेश करें, और तभी वोह पैसा समिति से या फिर सुप्रीम कोर्ट से मांग सकता है. इस काम को वोह चाहे तौ अपने आप कर सकता है या फिर किसी वकील जो इसमें पहले से काम कर रहा है उसके बाबत दायर कर सकता है.
अनीश शर्मा, वकील ने कहा : इस याचिका में हम लोग उन लोगों की तरफ से बोल रहे हैं जो की स्पेअक एशिया कंपनी में लास्ट जोइनेर्स थे, जिन्होंने फरवरी २०११ से लेकर मई २०११ के बीच में कंपनी में ज्वाइन किया था. हम लोग ख़ास तौर पर इन लोगों के लिए इस लिए बोल रहे हैं क्योंकि इन लोगों को कंपनी से कुछ भी पैसा वापस नहीं मिला है. हम यह कह रहे हैं की CID आंध्र प्रदेश और RBI ने जो पैसा रोका हुआ है वोह पब्लिक का पैसा है और वोह पब्लिक को वापस मिलना चाहिए, जो की तकरीबन १५० करोड़ है. हमने इसके लिए अपने आप को इस याचिका में जुद्वाया है और हम इसमें IA - 4 बन कर सामने आये हैं. इसलिए हमारा हर उस आम आदमी को सन्देश है की जो भी आदमी इसमें अपने आप को हमारे द्वारा इस याचिका में जुडवाना चाहता है वोह हमसे संपर्क कर सकता है या फिर वोह खुद अपने आप आकर सुप्रीम कोर्ट में अपने आप को इसमें जुड़वाँ सकता है. अगर वोह हमारे द्वारा आता है तौ उसके कुछ मामूली लीगल फीस हैं जिसके द्वारा वोह इस याचिका से जुड़ सकते हैं.
बाकी आगे की कार्यवाही हम आपको अपने अगले विडियो या फिर इन्टरनेट पर जानकारी देंगे.
आप सबका धन्यवाद.
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